एकतारे
Thursday, February 11, 2010
माया
जहाँ लाएँ माया ।
कहाँ पाएँ माया?
सुन्ने कोही छैन ।
किन गाएँ माया ?
साथ दिने छ क्वै?
सधैँ धाएँ माया ।।
आश अरू छैन ।
फेरी दाएँ माया ।।
जहाँ पीर झरी ।
त्यहीँ छाएँ माया ।।
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